hindi shabd rachna | हिन्दी शब्द रचना pdf


hindi-shabd-rachna-हिन्दी-शब्द-रचना-pdf
hindi-shabd-rachna-हिन्दी-शब्द-रचना-pdf

व्याकरणिक प्रकार्य के आधार पर शब्द भेद | शब्द के प्रकार
:


शब्द के निम्नलिखित 8 भेद होते है इन्हे विकारी और अविकारी शब्द की दृष्टि से 2 भागो में विभाजित किया है 


विकारी शब्द :

1- संज्ञा 

2- सर्वनाम 

3- विशेषण 

4- क्रिया 

अविकारी शब्द: 

5. समुच्चय बोधक 

6. क्रियाविशेषण 

7. सम्बन्धबोधक 

8. विस्मयादिबोधक 


उपसर्ग का परिचय (उपसर्ग व प्रत्यय):


  • उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है किसी शब्द के प्रारम्भ में जुड़कर एक नया अर्थ देना 
  • उपसर्ग के अन्य नाम : आदि प्रत्यय, वयुत्तिमूलक, प्रत्यय, रचना प्रत्यय 


उपसर्ग की परिभाषा:  वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरम्भ में लगकर इसके अर्थ में विशेषता ला देते हैं अथवा उसके अर्थ को बदल देते है, उपसर्ग कहलाते है जैसे :


  • परा-क्रम = (क्रम के पहले परा लगाने से अर्थ में बदलाव आ जा रहा है)
  • परा-जय = (पराजय)
  • परा-भाव = (पराभव)
  • परा-धीन = (पराधीन)
  • परा-भूत = (पराभूत)


उपसर्ग शब्द रचना के उदाहरण: 


उपसर्ग            शब्द   

अति               अत्यंत 

चिर                 चिरायु 

सु                   सुयोग 

अप                अपकीर्ति

प्र                   प्रख्यात 

वि                  विज्ञानं 

वि                  विदेश 

उत                उत्थान 

ऊप               उपकार 

नि `र              निर्वाह 


उपसर्ग के कार्य:


उपसर्ग  के मुख्यः ३ कार्य है जो की कुछ इस प्रकार है 

1- शब्द के अर्थ में कोई अंतर नहीं ला सकते है 

2- शब्द के मूल अर्थ को उल्टा कर देते है। 

3- शब्द के मूल अर्थ में एक नवीन विशेषता ला देते है 


उपसर्गो की कितनी संख्या होती है?

अगर हम बात करे उपसर्ग की तो यह तीन अलग-२ भाषाओ में अलग-अलग है, संस्कृत में उपसर्गो की संख्या - 22 , उर्दू में उपसर्गो की संख्या - 19 और हिंदी में उपसर्गो में की संख्या - 10


संस्कृत में उपसर्गो की संख्या - 22


१- अति -बाहुल्य (अधिक, उस पार)

२- अधि- सामीप्य, ऊपर, श्रेष्ठ 

३- अनु-पीछे, साथ, सामन 

४- अप- दूर, हीनता, विरुद्ध 

५-अभि- ओर, सामीप्य  

६- अव- दूर, नीचे

७- - तक, कम, इधर  

८- उत, उद - ऊपर,उन्नति  

९- उप- निकट, सहायक, छोटा 

१०- दुः, दूर- बुरा, कठिन  

११- दुश, दुष, दुस - बुरा, कठिन  

१२-नि- नीचे, भीतर 

१३-निः, निस - बिना, बाहर, निषेध 

१४- नीर (र आधा होगा) - बिना, बाहर, निषेध 

१५- परा - पीछे, उलटा 

१६- परि- चारो ओर 

१७-प्र- अधिक 

१८- प्रति- ओर, उलटा, विरोध, प्रत्येक 

१९-वि- बिना, अलग, विशेषता 

२०-सम- पूर्ण, अलग, विशेषता 

२१- अन(न आधा होगा) - नहीं, बुरा 

२२- सु- अच्छा, सुन्दर, सहज 

ऊपर दिए गए संस्कृत के उपसर्ग (तत्सम) को व्याख्या मे समझते है 


उपसर्गअर्थ      उपसर्ग से बने शब्द
अति अधिक    अतिशय, अतिक्रमण, अतिवृष्टि, अतिशीघ्र, अत्यन्त, अत्याचार
अधि   प्रधान/श्रेष्ठअधिनियम, अधिनायक, अधिकृत, अधिकरण, अध्यक्ष, अध्ययन
अनु  पीछे  अनुचर, अनुज, अनुकरण, अनुकूल, अनुनाद, अनुभव
अपबुरा अपयश, अपशब्द, अपकार, अपकीर्ति, अपव्यय, अपशकुन
अभि पास      अभिवादन, अभिमान,अभिनव, अभिनय, अभिभाषण, अभियोग
अव    हीनता  अवगुण, अवनति, अवगति, अवशेष, अवज्ञा, अवरोहण
आ  तक/सेआघात, आरक्षण, आमरण, आगमन, आजीवन, आजन्म
उत् श्रेष्ठ उत्पत्ति, उत्कंठा, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उन्नत, उल्लेख
उपसहायक     उपभोग, उपवन, उपमन्त्री, उपयोग, उपनाम, उपहार
दुर्  कठिन/गलत   दुर्दशा, दुराग्रह, दुर्गुण, दुराचार, दुरवस्था, दुरुपयोग
दुस्   बुरा/कठिन दुश्चिन्त, दुश्शासन, दुष्कर, दुष्कर्म, दुस्साहस, दुस्साध्य
नि  बिना निडर, निगम, निवास, निषेध, निबन्ध, निषिद्ध
निस् बिना/बाहर   निश्चय, निश्छल, निष्काम, निष्कर्म, निष्पाप, निष्फल
निर्  बिना निराकार, निरादर, नीरोग, नीरस, निरीह, निरक्षर
प्र     आगे   प्रदान, प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रहार, प्रयत्न
परा विपरीतपराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, परावर्तन, पराविद्या
परिचारों ओरपरिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिश्रम, परीक्षा, पर्याप्त
प्रतिप्रत्येक प्रतिदिन, प्रत्येक, प्रतिकूल, प्रतिहिंसा, प्रतिरूप, प्रतिध्वनि
विविशेषविजय, विहार, विख्यात, व्याधि, व्यसन, व्यवहार
सु अच्छा  सुगन्ध, , सुयश, सुमन,सुलभ, सुबोध, सुशील
सम्अच्छी तरहसन्तोष, संगठन,संलग्न, संकल्प, संशय, संरक्षा
अन्  नहीं/बुराअनन्त, अनुपयोगी, अनुपयुक्त, अनागत, अनिष्ट, अनुपम

हिंदी में उपसर्गो की संख्या - १०

१- अ- अन= रोकना, माना करना 

२- ऊन = एक कम 

३ -दू - हीन, बुरा 

४-बिन = निषेध

५- कु (क) = बुरा, हीन 

६-  अध् = आधे, अपूर्ण 

७- औ (अव)= मना करना  

८- नि=  आभाव, विशेष 

९-भर = ठीक, पूरा  

१०-सु (स)= श्रेष्ठ साथ  


हिंदी व्याकरण और रचना pdf
हिंदी व्याकरण और रचना pdf Image source iStock


Note: विशेष - हिंदी में कुछ व्याकरण लेखक 'क' और 'स' क्रमश: नवे और दसवें (कु एवं विकार) को अलग मान कुल 12 उपसर्ग बताते है  परन्तु इन दोनों को अलग-अलग नहीं मानना चाहिए)


उर्दू में उपसर्गो की संख्या - १९


१-अल (अरबी) = रोकना, मना करना  

२- एन = ठीक, पूरा 

३-कम = थोड़ा, हीन 

४-खुश = अच्छा, शुभ 

५-गैर = भिन्न, विरुद्ध 

६-दर = में 

७-ना = आभाव 

८-फिल = मे, फी (अरबी) मे प्रति  

९- ब = अनुसार, मे, से, ओर 

१०-बद = बुरा, अशुभ 

११-बर = ऊपर, पर 

१२-बा = साथ, अनुसार 

१३-बिल (अरबी) = साथ, सामान  

१४-बिला (अरबी) = बिना 

१५-बे = बिना 

१६-ला (अरबी) = बिना, निषेध, आभाव 

१७-सर = मुख्य, श्रेष्ठ   

१८-हम = (संस्कृत सम से) = साथ, सामान 

१९-हर = प्रत्येक 


नोट: उर्दू के सरे उपसर्ग अरबी- फारसी से लिए गया है।  ये संख्या मे लगभग (19) है। 


अर्थ के अनुसार विशेष प्रकार के वाक्य:


अर्थानुसार वाक्य मे निम्नलिखित आठ भेद हैं

१ विधानार्थक वाकया  (Assertive Sentence)

२ निषेधार्थक वाक्य (Negative Sentence)

३ आज्ञार्थक वाक्य (Sentence Indicating command)

४ प्रश्नार्थक वाक्य (Interogative Sentence)

५ इच्छार्थक वाक्य (Illative Sentence)

६ सन्देहार्थक वाक्य (Sentence indication command)

७ संकेतार्थक वाक्य (Condition Sentence)

८ विस्मयार्थक (Exclamatory Sentence)



१. विधानार्थक वाकया  (Assertive Sentence): जिस वाक्य मे किसी बात का होना पाया जाया।  

जैसे : किशन कुमार और रमेश परीक्षा देने जा रहे है। 


२. निषेधार्थक वाक्य (Negative Sentence): जिस वाक्य मे किसी बात के न होने का बोध हो। 

जैसे: मैं किसी से झगड़ा मोल नहीं ले सकता 

 

३. आज्ञार्थक वाक्य (Sentence Indicating command): जिस वाक्य मे आज्ञा देने का बोध हो उसे आज्ञार्थक वाक्य शब्द कहते है। 

जैसे: यहाँ से तुम शीघ्र चले जाओ, अब तुम जा सकते हो। 


. प्रश्नार्थक वाक्य (Interrogative Sentence): जिस वाक्य मे प्रश्नात्मक का भाव प्रकट हो  

जैसे: वह कौन है ?, उसका क्या नाम है ? क्या तुम्हे पता था ?


इच्छार्थक वाक्य (Illative Sentence): जिस वाक्य मे इच्छा या आशीष के भाव का बोध हो 

जैसे: दीर्घायु भवः, चरणजीवी भवः


सन्देहार्थक वाक्य (Sentence indication command): जिस वाक्य मे संदेह का बोध हो 

जैसे: पता नहीं उसको कुछ याद भी होगा या नहीं, शायद वो उसे मार देगा। 


संकेतार्थक वाक्य (Condition Sentence): जिस वाक्य मे संकेत का बोध हो 

जैसे: यदि तुम गोवा चलो तो मैं भी चल सकता हूँ


विस्मयार्थक (Exclamatory Sentence): जिस वाक्य से विस्मयादि के भाव प्रकट हो 

जैसे: अहा मजा आ गया , ओह! ये तो कमाल हो गया 



हिन्दी शब्द रचना (FAQ's)  


प्रश्न: अक्षर किसे कहते है ?

उत्तर: वह ध्वनि या ध्वनि समूह जिसका उच्चारण एक साँस या प्रयत्न में होता है , अक्षर कहलाता है। 


प्रश्न: शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: शब्द एक या एक से अधिक वर्णो (अक्षर) से बनी हुयी स्वंत्रता सार्थक ध्वनि को शब्द कहते है या निश्चित अर्थ को प्रकट करने वाले वर्ण को शब्द कहते है। 


शब्द रचना के उदाहरण:

जैसे—पद से च्युत = पदच्युत, शक्ति के अनुसार = यथाशक्ति, रात और दिन = रातदिन आदि शब्द इसी प्रकार बनते हैँ। शब्दोँ मेँ संधि करने से भी इसी प्रकार शब्द–रचना होती है। जैसे—विद्या+आलय = विद्यालय, प्रति+उपकार = प्रत्युपकार, मनः+हर = मनोहर आदि।

प्रश्न: यौगिक शब्द किसे कहते है और ये यौगिक शब्द क्या होते हैं?

उत्तर: वे शब्द जो दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हो और उनका एक विशेष अर्थ भी देते हो, उन्हें यौगिक शब्द कहते है 

जैसे :

  • हिम +आलय = हिमालय 
  • प्रधान + मंत्री = प्रधानमंत्री 
  • विद्या + आलय = विद्यालय 
  • वृद्धा + आश्रम = वृद्धाश्रम 


प्रश्न: रूढ़ शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: जो शब्द एक अर्थ विशेष या वस्तु विशेष के लिए प्रयुक्त हो या जो अपने मूल व्यव्हार में लाये जाये , अर्थात कोई भी शब्द बोले आप उसका अर्थ किसी सुनिश्चित वस्तु को बताये। 

जैसे : 

  1. कुर्सी 
  2. खटिया
  3. लोटा 
  4. बीड़ी 
  5. लाठी 


कुर्सी कहते ही हमारे मन में केवल चारो पैर वाले वस्तु पर जाती है जिस पर हम बैठ सकते है इस तरह के उदहारण आने लगते है, इसी तरह अन्य उदारण भी है। 


योगरूढ़ शब्द किसे कहते है ?

उत्तर:  जो शब्द दो शब्दों से मिलकर तो बने है परन्तु एक निश्चित अर्थ देने के लिए (जो आपको बाध्य कर दे की नहीं केवल यही शब्द होगा) उसे योगरूढ़ शब्द कहते है। 

जैसे : चारपाई (वो हर चार पैरो वाला परन्तु यहाँ पर केवल यह शब्द चारपाई के तरफ इशारा कर रहा है न की चार पैरो वालो किसी अन्य वस्तु की ओर)

निष्कर्ष: यह आपको बाध्य कर रहा है की केवल चारपाई ही होगी (खटिया, चारपाई न की कुछ और)


प्रश्न : समासरूढ़ शब्द किसे कहते है?

उत्तर: सामसिक शब्दों में भी कुछ शब्दों का अर्थ रूढ़ हो गया है, उन्हें 'समासरूढ़' शब्द कहते है (यानि वे किसी एक के लिए सम्बोधित कर रहे हो  unique object)  अर्थात जो वस्तु, व्यक्ति या अन्य जीव (केवल विशेष ख्याति) प्राप्त हो उसके अलावा कोई और ना हो, उसे हम समासरूढ़ कहते है। 

समासरूढ़ शब्द  के उदाहरण:

जैसे : 

  • दशानन : जिसके पास दस सर हो अर्थात केवल रावण न की कोई और  के लिए 
  • पीताम्बर: पीले वस्त्र धारण करने वाला 
  • सूर्यपुत्र: कर्ण का बोध न की किसी और व्यक्ति का 
  • तेंदुलकर: सचिन को 
  • नीलकंठ: शंकर ji


प्रश्न: तत्सम शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: जो शब्द संस्कृत से जो के त्यों लिए गए हो, उन्हें तत्सम शब्द कहते है दूसरे भाषा में अगर हम ये कहे की संस्कृत के शब्द तत्सम होते है 

तत्सम शब्द के उदाहरण जैसे:  भूमि, प्रथम, राष्ट्र, मातृ, तृण आदि 


प्रश्न: तद्भव शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: संस्कृत से आये शब्दों से उत्त्पन्न हुए शब्द तद्भव शब्द कहलाते है, अर्थात जिन्हे हिंदी की प्राकृत के अनुसार ढाल दिया गया हो। 

जैसे:  काम , बरस, माँ , बाप,  बरसात, मौसम आदि 


प्रश्न: विदेशी शब्द या आगत शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: जो शब्द किसी दुआसरी भाषा (विदेशी शब्द) से स्वीकार किये गए है, जैसे - 


कैची, बटन, तोप, कागज आदि।  कुछ तो जो का त्यों (एकदम एक जैसा, हूबहू) लिए गया है - कागज, ऑफिस, पोस्टऑफिस इत्यादि 

 नोट: कुछ को तो हिंदी की प्रकृति के अनुरूप ढाल लिए गए है। 

जैसे: जमीन, त्रासदी, आदि 


प्रश्न: देशी शब्द किसे कहते है?

उत्तर: स्थानीय बोलियों या उपभाषाओ से आये क्षेत्रीय शब्द देशी या देशज शब्द कहे जाते है, जैसे ढूढना, खत, खटिया, दिया-बाती, मुराई, पालकी, मेहरारू, मनसेधू आदि। 


प्रश्न: शंकर शब्द किसे कहते है ?

उत्तर: (देशी+विदेशी) जैसा की नाम से पता चलता है की दो भाषाओ के मिश्रण से बने शब्द शंकर कहलाते है, 

जैसे :

  1. रेलगाड़ी = रेल(अंग्रेजी )+गाडी(हिंदी),
  2. जॉंचकर्ता = जॉंच(हिंदी) + कर्ता(संस्कृत)  


भाषा में शब्द रचना किस प्रकार होती है उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए

हिन्दी शब्द रचना pdf

शब्द के प्रकार | शब्द रचना कितने प्रकार के होते हैं?

शब्द रचना के उदाहरण:

  • वर्णो के सार्थक संघात को शब्द कहते है। शब्द रचना की दृष्टि से केवल यौगिक शब्दों का अध्ययन किया जाता है। यौगिक शब्दोँ मेँ ही उपसर्ग और प्रत्यय का प्रयोग करके नये शब्दोँ की रचना होती है।

  • रा +त = रात , यह शब्द है क्योंकि इसका अर्थ है।
  • त + रा  = तारा, यह नहीं है क्योंकि इसका कोई अर्थ नहीं है। 

जैसे : राधे ,श्याम ,गीता , सीता , आकाश , देवता। 

May you also like:

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें